पंचमुखी हनुमान कवच

पंचमुखी हनुमान कवच – पाँच मुखों वाला दिव्य सुरक्षा कवच

✍️ लेखक: भगवान गरुड़ (परंपरागत रूप से)

पंचमुखी हनुमान कवच क्या है?

पंचमुखी हनुमान कवच एक अत्यंत शक्तिशाली संस्कृत स्तोत्र है, जो भगवान हनुमान के पाँच मुखों वाले दिव्य रूप का आह्वान करता है। यह कवच न केवल भूत-प्रेत, तांत्रिक बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है, बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति भी प्रदान करता है।

📜 परंपरा के अनुसार, इस कवच की रचना भगवान गरुड़ ने की थी, जब उन्होंने लंका युद्ध में हनुमान जी के पंचमुखी रूप का साक्षात्कार किया।

श्री गणेशाय नम: |
ओम अस्य श्री पंचमुख हनुम्त्कवच मंत्रस्य ब्रह्मा रूषि:|

गायत्री छंद्: |
पंचमुख विराट हनुमान देवता| र्‍हीं बीजम्|
श्रीं शक्ति:| क्रौ कीलकम्| क्रूं कवचम्|
क्रै अस्त्राय फ़ट्| इति दिग्बंध्:|
श्री गरूड उवाच्||
अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि|

श्रुणु सर्वांगसुंदर| यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम्||१||

पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्| बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम्||२||

पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्| दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम्||३||

अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्| अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम्||४||

पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्| सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्||५||

उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्| पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्| ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्| येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम्||७||

जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्| ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्||८||

खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्| मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं||९||

भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्| एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्||१०||

प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्| दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम्||११||

पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्| पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि||१२||

मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्| शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर||१३||

ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले| यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता||१४||

ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा|

ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया|

ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा|

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा|

ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा|

||ओम श्री पंचमुख हनुमंताय आंजनेयाय नमो नम: ||

पंचमुखी हनुमान – पाँच मुखों का रहस्य

मुख दिशा स्वरूप उद्देश्य
🐵 हनुमान पूर्व मुख्य रूप बल, भक्ति, विजय
🦁 नरसिंह दक्षिण विष्णु का उग्र रूप भय और शत्रु विनाश
🐗 वराह उत्तर विष्णु का सूअर अवतार नीचे के संकटों से उबार
🐴 हयग्रीव ऊपर ज्ञान का स्वरूप विद्या, स्मृति और चेतना
🦅 गरुड़ पश्चिम गरुड़ रूप तांत्रिक बाधाओं से सुरक्षा

🌟 पंचमुखी हनुमान कवच के लाभ

लाभ विवरण
🛡️ दिशाओं से सुरक्षा पंचदिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आकाश) से रक्षा
🧘 मानसिक शांति भय, तनाव, और नींद में बाधा से मुक्ति
🔥 तांत्रिक और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा ऊपरी बाधा, नजर दोष, तांत्रिक प्रयोग से रक्षा
🧠 ज्ञान और ध्यान में सहायक विद्यार्थियों और साधकों के लिए उपयुक्त
🙏 भक्ति और साहस की वृद्धि आत्मबल और भक्ति में वृद्धि

पंचमुखी हनुमान कवच  पाठ विधि

चरण विवरण
📍 स्थान पूजाघर, मंदिर, या शांत स्थान
⏰ समय प्रातःकाल या संध्या, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार
🙏 विधि

  • स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें
  • दीपक व अगरबत्ती जलाएं
  • आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करें
  • पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करें
  • अंत में आरती और “ॐ हनुमते नमः” का जप करें

📅 कब करें पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ?

  • जब आप भय, संकट, कोर्ट-कचहरी, रोग या आध्यात्मिक बाधा से गुजर रहे हों
  • किसी नए कार्य, व्यापार या यात्रा से पूर्व
  • साधना या ध्यान के समय रक्षा हेतु
  • घर या स्थान विशेष पर नकारात्मक ऊर्जा हो तो

🙋 पंचमुखी हनुमान कवच (FAQs)

पंचमुखी हनुमान कवच किसने लिखा?
📜 परंपरागत मान्यता के अनुसार यह कवच भगवान गरुड़ द्वारा रचित है।

पंचमुखों का क्या अर्थ है?
🕉️ हनुमान जी के पाँच मुख अलग-अलग शक्तियों का प्रतीक हैं – बल, रक्षा, ज्ञान, उग्रता, और ऊर्जा।

क्या यह कवच रोज़ पढ़ा जा सकता है?
✅ हाँ, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना अत्यंत फलदायक होता है।

क्या यह हनुमान चालीसा के साथ पढ़ा जा सकता है?
🔸 हाँ, हनुमान चालीसा से पहले या बाद में यह कवच पढ़ने से दोगुना सुरक्षा प्रभाव मिलता है।

यह कवच किनके लिए उपयुक्त है?
📿 सभी भक्तों, साधकों, विद्यार्थियों, गृहस्थों और रक्षा चाहने वालों के लिए यह उपयुक्त है।

पंचमुख हनुमान कवच हिंदी  PDF डाउनलोड

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